आज पेश है यह दिलरुबा गीत 'ये शाम मस्तानी', जो आप सभी को और मुझको खासा पसंद है। आइए इसे गुनगुनाएँ!
गीत: ये शाम मस्तानी | Ye sham mastani
फ़िल्म: कटी पतंग (1970) | Kati Patang 1970
संगीतकार: राहुल देव बर्मन | R D Burman
स्वर: किशोर कुमार | Kishor Kumar
विडियो गीत:
Yeh Shaam Mastani - Kati Patang (1970) from Vinay Prajapati on Vimeo.
आडियो गीत:
यह शाम मस्तानी, मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिये जाये [x2]
दूर रहती है तू, मेरे पास आती नहीं
होंठों पे तेरे, कभी प्यास आती नहीं
ऐसा लगे, जैसे कि तू, हँस के ज़हर कोई पिये जाये
यह शाम मस्तानी, मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिये जाये
बात मैं जब करूँ, मुझे रोक लेती है क्यों
तेरी मीठी नज़र, मुझे टोक देती है क्योँ
तेरी हया, तेरी शरम, तेरी क़सम मेरे होंठ सिंये जाये
यह शाम मस्तानी, मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिये जाये
एक रूठी हुई, तक़दीर जैसे कोई
ख़ामोश ऐसे है तू, तस्वीर जैसे कोई
तेरी नज़र, बनके ज़ुबाँ, लेकिन तेरे पैग़ाम दिये जाये
यह शाम मस्तानी, मदहोश किये जाये
मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिये जाये
बेहद सुन्दर गीत है
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति !
ReplyDeleteइस गीत की धुन बहुत प्यारी और बोल के क्या कहने!
ReplyDeletebest song
ReplyDeletelove these lines a lot...."बात मैं जब करूँ, मुझे रोक लेती है क्यों
ReplyDeleteतेरी मीठी नज़र, मुझे टोक देती है क्योँ
तेरी हया, तेरी शरम, तेरी क़सम मेरे होंठ सिंये जाये"
me too
Deleteआ रहा है देखो कोई, जा रहा है देखो कोई
ReplyDeleteसबके दिल हैं जागे-जागे, सबकी आँखें खोयी-खोयी
ख़ामोशी करती है बातें, यह रातें नयी पुरानी
आते, आते जाते कहती हैं कोई कहानी
test comment
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