आइए दोस्तों शुरुआत करते हैं उस गीत से जिसके लिए आनन्द बक्षी साहब ने पहला फ़िल्म-फेयर पुरस्कार जीता। मुझे तो यह गीत बचपन से ही बहुत है, आपको भी ज़रूर पसंद होगा। अगर पहले नहीं सुना तो आज सुनिये और अपनी राय दें।

गीत : आदमी मुसाफ़िर है । Adami Musafir Hai
गायक : लता और मुहम्मद रफ़ी | Lata Aur Md Rafi
संगीतकार : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल | Laxmikant-Pyarelal
चित्रपट : अपनापन (१९७७) | Apnapan (1977)
गीतकार : आनंद बक्षी | Anand Bakshi



गीत के बोल:

आदमी मुसाफ़िर है आता है जाता है
आते-जाते रस्ते में यादें छोड़ जाता है

झोंका हवा का पानी का रेला -२
मेले में रह जाए जो अकेला -२
वो फिर अकेला ही रह जाता है
आदमी मुसाफ़िर है ...

क्या साथ लाए क्या छोड़ आए
रस्ते में हम क्या छोड़ आए
मंज़िल पे जा के ही याद आता है
आदमी मुसाफ़िर है ...

जब डोलती है जीवन की नैया
कोई तो बन जाता है खिवैया
कोई किनारे पे ही डूब जाता है
आदमी मुसाफ़िर है ...

रोती है आँख जलता है ये दिल
जब अपने घर के फेंके दिये से
आँगन पराया जगमगाता है
आदमी मुसाफ़िर है ...

Apnapan 1977

13 Comments

  1. सुंदर ब्लॉग .... विनय भाई .. शुभकामना

    ReplyDelete
  2. हर बार की तरह आपकी लेखनी ने जादू बिखेरा!

    ReplyDelete
  3. नव वर्ष की शुभकामनाए
    Thanx for wonderful song
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

    ReplyDelete
  4. विनय जी शुक्र आज आप का टिपाण्णी देने का खाता खुला, कल तो ना यह ही खुल रह था, ओर ना ही मेल हो रहा था.
    बहुत सुंदर गीत सुना रहि है आप ओर आप का बांलाग भी बहुत सुंदर लगा .
    धन्यवाद

    ReplyDelete
    Replies
    1. राज जी ब्लॉग में अभी भी काफ़ी सुधार बाक़ी हैं, आशा हैं कि आप त्रुटियों के विषय में मुझे समय-2 पर सूचित करते रहेंगे। जहाँ तक गीत की बात है यह तो आनन्द बक्षी साहब ने लिखा था, उस साल 1977 का सबसे बड़ा हिट था! धन्यवाद!

      Delete
  5. हिन्दी चिठ्ठा विश्व में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी समस्त शुभकामनायें आपके साथ हैं…

    ReplyDelete
  6. विनय भाई
    सुंदर शुरुआत, गीतों की अच्छी शुरुआत

    ReplyDelete
  7. नव वर्ष २००९ मंगलमय हो
    आपका साहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
    प्रदीप मानोरिया
    09425132060

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रदीप मनोरिया जी, नववर्ष की मुबारक़बाद, शुक्रिया!

      Delete
  8. बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

    ReplyDelete
  9. सुझाव के लिए शुक्रिया मनोज जी पर वर्ड वेरिफिकेशन चालू ही कब किया जो हटायें। नियमित आते रहें और होक्स न फ़ेंके!

    ReplyDelete

Post a Comment

Previous Post Next Post