Showing posts from May, 2014

ख़ाली दिल नहीं ये जाँ वी है मंगदा - कच्चे धागे (१९९८)

इश्क़ है पानी का इक क़तरा क़तरे में तूफ़ान एक हाथ में अपना दिल रख ले एक हाथ म…

बड़ी लम्बी जुदाई - हीरो (१९८३)

हीरो(1983) फ़िल्म से यह गीत तो आप सबको याद होगा, यह गीत आनन्द साहब ने लिखा दर्द …

चमकते चाँद को टूटा हुआ तारा बना डाला - आवारगी (१९९०)

इस गीत के क्या कहने, कौन होगा जो ऐसे उम्दा गीत को पसंद नहीं करता या सुनने के ब…

आदमी मुसाफ़िर है - अपनापन (१९७७)

आइए दोस्तों शुरुआत करते हैं उस गीत से जिसके लिए आनन्द बक्षी साहब ने पहला फ़िल्म-…

Load More Posts That is All